स्वर्णप्राशन क्या होता है
स्वर्णप्राशन द्वारा बच्चों में बुद्धि, पाचन शक्ति, शारिरिक शक्ति एवं प्रतिरक्षा का विकास होता है आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में जिस प्रकार से बच्चे का संक्रामक बीमारियों से बचाने हेतु वैक्सीन का प्रयोग होता है ठीक वैसे ही आयुर्वेद शास्त्र में बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु (Swarnprashan Sanskar) स्वर्णप्राशन संस्कार किया जाता है।

Swarnprashan Sanskar | स्वर्णप्राशन के लाभ
- बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- बच्चों की बुद्धि व स्मरण शक्ति तेज होती है।
- पाचन क्रिया ठीक से होती है।
- बच्चे शारिरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होते हैं उनका स्टेमिना हम उम्र बच्चों से ज्यादा बेहतर रहता है।
- बच्चों के रंग एवं रूप में निखार आता है।
स्वर्णप्राशन की विधि
स्वर्णप्राशन संस्कार महीने में एक बार पुष्प नक्षत्र में कराते हैं, जिसे जन्म से लेकर 16 वर्ष के बच्चों को कराया जाता है।
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